फरीदाबाद जिला – Faridabad District

Introduction to Faridabad :-

फरीदाबाद शहर सन् 1607 ईस्वी में जहांगीर के कोषाधिकारी शेख फरीद के द्वारा बनवाया गया था। इस शहर के पहले एक गांव था जिसमें चौदहवी सदी के प्रसिद्ध साहित्यकार ईसर दास रहते थे। उनके तीन पुस्तकें ‘अंगद पैजा’, ‘भरत मिलाप’, और ‘सत्यवती कथा’ बहुत मशहूर हैं। इनके निकट के ही सीही गांव में सूरदास का जन्म हुआ था। 

सन 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय फरीदाबाद एक अविकसित क्षेत्र था। नया फरीदाबाद देश के उन 10 नगरों में शामिल था। जो विशेषकर विस्थापितों के लिए बसाया गया था। यहां का जनसंख्या घनत्व राज्य में सर्वाधिक है। हरियाणा में ऐसा दूसरा नगर नीलोखेड़ी है। आज फरीदाबाद को औद्योगिक की नगरी होने का गौरव प्राप्त है।

हरियाणा के 12 वें जिले के रूप में फरीदाबाद 15 अगस्त 1979 मैं बना था। इसके उत्तर मेंदिल्ली, पश्चिम में गुरुग्राम और दक्षिण पूर्व में उत्तर प्रदेश स्थित है। इसके पूर्व में सदाबहार यमुना नदीस्थित है। यहां राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर दो इस जिले में से गुजरता है। यहां पिन वह बटन से लेकर ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, एयर कंडीशनर कुलर, बिजली के स्विच, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, रेडियो, जूते और टायरों का निर्माण किया जाता है
हरियाणा राज्य में फरीदाबाद सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला है। शहरीकरण में फरीदाबाद सबसे आगे है। यह हरियाणा का प्रथम जिला है जिसकी जनसंख्या 20 लाख से अधिक है। किस जिले में मलीन बस्ती जनसंख्या सर्वाधिक है। यहां के प्रमुख पर्यटक स्थलों में बड़खल झील, सूरजकुंड, अरावली गोल्फ क्लब, राजा नाहर सिंह का महल और दबचिक प्रसिद्ध है। फरीदाबाद के गांव गांव तिगांव को “अमर शहीदों का गांव” कहा जाता है।

स्थिति : हरियाणा के दक्षिणी पूर्वी भाग में स्थित है। इसके उत्तर में दिल्ली राज्य, पूरब दक्षिण में उत्तर प्रदेश राज्य, पश्चिम में गुरुग्राम जिला स्थित है।

स्थापना : 15 अगस्त 1979 को हरियाणा का 12वां जिला बना।
क्षेत्रफल : 741 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या : 1809733
जनसंख्या घनत्व : 2442 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
लिंगानुपात : 873 महिलाएं/प्रति हजार पुरुष
साक्षरता दर : 82%
रेलवे स्टेशन & मुख्यालय : फरीदाबाद
प्रमुख नदी : यमुना
प्रमुख फसलें : गेहूं, बाजरा, ज्वार, चावल
उपमंडल : बल्लभगढ़, बड़खल
तहसील : बल्लभगढ़, बड़खल
उप तहसील : मोहना, तिगांव
खंड : बल्लभगढ़, बडोली, तिगांव
प्रमुख उद्योग : मशीन उपकरण, ट्रैक्टर उद्योग, मोटरसाइकिल, इस्पात उद्योग, ट्यूबल, पावर लूम, रसायनिक पदार्थ एवं औषधि।
प्रमुख व्यक्ति : सोनू निगम (गायन), रिचा शर्मा (गायन), मोहित शर्मा (क्रिकेट)।
प्रमुख नगर : होटल, हथीन, पलवल, हसनपुर, तिलपत
प्रमुख पर्यटक स्थल : बड़खल झील, अरावली गोल्फ मैदान, डबचिक(होडल), सूरजकुंड, मेगपाई, सती का स्थान (होडल), पंचवटी मंदिर (पलवल), राजा नाहर सिंह का किला (बल्लभगढ़)।
प्रमुख मेले : बाबा उदास नाथ का मेला, गोगा पीर का मेला, कालका का मेला, जन्माष्टमी का मेला, बलदेव छठ का मेला, फुलडोर का मेला, सूरजकुंड का मेला, कार्तिक संस्कृति मेला, कनुवा का मेला, रामनवमी का मेला, रक्षाबंधन का मेला, कान्हा गौशाला का मेला, शिव चौदस का मेला।

प्रमुख दर्शनीय स्थल :-

बड़खल झील :-

बड़खल झील दिल्ली मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वर्ष 1947 में सिंचाई परियोजना के अंतर्गत इसका निर्माण किया गया था; जिसका उद्देश्य भूमि के कटाव को रोकना था। इस झील पर 6445 मीटर लंबा और 6 मीटर चौड़ा बांध बनाया गया है।

अरावली का गोल्फ मैदान :-

नेशनल हाईवे नंबर 2 से सटा हुआ यह गोल्फ मैदान अति प्रसिद्ध है। जिसका डिजाइन अमेरिका के स्टीफन के. ने बनाया था।

सूरजकुंड :-

इस कुंड का निर्माण तोमर वंश के राजा सूरजपाल ने करवाया था।

ख्वाजा की सराय :-

फरीदाबाद जिले के गांव सराय ख्वाजा में लगभग 300 वर्ष पुरानी एक सराय है। इस सराय के नाम पर ही गांव का नाम सराय ख्वाजा पड़ा। यह सराय पीर ख्वाजा ने बनवाई थी।

सूरदास जन्म स्थली (सीही) :-

बल्लभगढ़ के निकट स्थित सीही  गांव सूरदास की जन्म स्थली है। यह साहित्यकारों का आराध्या स्थल है और सूरदास का जन्म दिवस पर यहां साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

राजा नाहर सिंह की हवेली :-

यह हवेली बल्लभगढ़ में दुर्ग प्राचीर के भीतर स्थित है। जिसे उसके पुत्र कृष्ण सिंह ने पूरा करवाया था। माना जाता है कि इस किले को बनवाने की योजना राजा बल्लू के शासनकाल में बनाई गई थी। इसका नक्शा भरतपुर के किले को देखकर बनाया गया था। इस किले के दो मुख्य द्वार हैं जिन्हें अजीत सिंह गेट तथा बालू गेट के नाम से भी जाना जाता है।

बाबा फरीद टॉम्ब :-

अवधारणा है कि सूफी संत बाबा फरीद ने फरीदाबाद नगर की स्थापना की थी। यह गुंबद स्थानीय लोगों के लिए तीर्थ स्थल है।

सिद्धि दाता मंदिर :-

यह बड़खल से सूरजकुंड रोड पर स्थित है जो फरीदाबाद में है।

धोज झील :-

फरीदाबाद जिले का यह गांव अरावली पर्वतमाला में सोहना फरीदाबाद मार्ग पर स्थित है। पर्वतारोहण के लिए यह एक उपयुक्त स्थान है; जो पर्वतारोहियों के लिए विशेष आकर्षण उत्पन्न करता है। यहां की ध्वज नामक झील अत्यंत दर्शनीय स्थल है।


सोंधाड़ :-

फरीदाबाद से 65 किलोमीटर दूर इस ग्राम में पत्थर पर उत्कृष्ट शिल्प के अनेक कलाकृतियां मिली हैं।

बल्लभगढ़ :-

बल्लभगढ़ एक ऐतिहासिक नगर है मान्यता के अनुसार इस नगर का निर्माण एक निर्धन किसान बल्लभ सिंह ने करवाया था। देवी की कृपा से उस किसान को काफी मात्रा में स्वर्ण भंडार मिला। ऐसा माना जाता है कि उस किसान ने और उसके उत्तराधिकारीयों ने सात पीढ़ियों तक अपने आसपास के 200 गांव में राज किया था।

Note :-


शेख फरीद के नाम पर इसका नाम फरीदाबाद पड़ा सन 1607 ईसवी में इसकी स्थापना शेख फरीद ने की थी।
हरियाणा का सबसे बड़ा शहर, रजनीगंधा फूल व ग्लेडियोसस फूल का सबसे बड़ा उत्पादक केंद्र भी है।
सर्वाधिक उद्योग वाला जिला। हरियाणा में मेहंदी का सर्वाधिक उत्पादन इस जिले में होता है। 
हरियाणा राज्य खेल परिसर स्टेडियम फरीदाबाद जिले में स्थित है। 
फरीदाबाद को डॉ राजेंद्र प्रसाद के सपनों का शहर भी कहा जाता है। क्योंकि इन्होंने आधुनिक फरीदाबाद का उद्घाटन किया था।
डॉ. अंबेडकर स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी फरीदाबाद में स्थित है।
जाट रियासत के संस्थापक गोपाल गिरी का संबंध हरियाणा के फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में सीही गांव से है।
फरीदाबाद को उद्योग नगरी / बाबा फरीद की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
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