इन दिनों Computer हमारे जीवन पर एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है। लेकिन 60-70 साल पहले यह अस्तित्व में भी नहीं था। क्योंकि यह incredible नहीं लगता? तो क्या यह मशीनें जादू से पैदा हुई है? इसका जवाब है – नहीं, यह जादू से पैदा नहीं हुई है। इन्होंने 20 वीं सदी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। Computer के इतिहास के उन महान क्षणों का संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार से है।
Abacus पहला deviceहै जो गणितीय कार्यों में उपयोग किया गया है। इसके frame मैं सामान्यतः तारे होती हैं। जिस पर काउंटर या मोती move करते हैं। कई civilizations ने abacus का इस्तेमाल किया है। यह अभी भी China और Japan मैं इस्तेमाल किया जाता है।
सन 1617 में John Napier ने logrithm का निर्माण किया जो numbers का tabular system था। जिससे arithmetical calculations आसान हुई।
सन 1920 में Williams ने logrithm पर आधारित गणना करने वाले उपकरण slide rule का आविष्कार किया था।
सन 1942 में Blaise Pascal ने एक mechanical device Pascaline का अविष्कार किया जिससे जामा और घटाव की गणना की जा सकती थी।
सन 1801 में Joseph jacquard ने punched card का आविष्कार किया
सन 1822 में Charles Babbage ने difference engine का आविष्कार किया। परंतु यह केवल एक तरह की calculations कर सकता था।
सन 1833 में Charles Babbage ने analytic engine का निर्माण किया। इससे हर प्रकार की गणना करना संभव था।।इसमें लगभग सभी तत्व थे जो आधुनिक कंप्यूटर में हैं। इसीलिए Charles Babbage को आधुनिक कंप्यूटर का पिता कहा जाता है।
सन 1982 में USA ने electronicकंप्यूटर का विकास करना शुरू किया था।
Generations of computer :-
Modern computing को stage-by-stage 5 पीढ़ियों में परिभाषित किया जा सकता है। यह पीढ़ियां electronic technology और software development मैं आए विकास के कारण computer systems को non-conventional तरीके से classify करने की ओर इशारा करती हैं। यह प्रक्रिया पिछले कई सालों से चली आ रही है और पीढ़ियों में विभाजित है। हर एक पीढ़ी का अपना एक अलग महत्व है।
First generation (1940 – 1955) vacuum tubes :-
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में vacuum tubes लगी होती थी। Input डालने के लिए और Output लेने के लिए punched tapes का प्रयोग किया जाता था। 1 वर्ग फुट में 1000 circuits होते थे। यह भारी तथा आकार में बड़े थे। यह बहुत महंगे हुआ करते थे।
इन vacuum tubes की कीमत अधिक होने की वजह से इन्हें मुख्य मेमोरी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता था। उस समय information को propagating sound waves के रूप में स्टोर किया जाता था।
Vacuum tubes मैं बिजली बहुत अधिक मात्रा में खर्च होती थी। यह कंप्यूटर्स आकार में अधिक बड़े थे और इन पर प्रोग्राम्स लिखना आसान नहीं था।
उस समय कंप्यूटर मेमोरी के लिए चार तकनीकें उपलब्ध थी – electronic storage tubes, magnetic disks, accounstick delay lines (मरकरी या निकल) और magnetic core storage.
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ उदाहरण : –
UNIV AC-1 (universal automatic computers)
LEO-1 (Lyons electronic office)
IBM 650 (international business machines)
ENIAC (electronic numerical integrator and calculator).
Second generation (1956-1963) transistors :
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में transistor को introduce किया गया था।
CPU के लिए ट्रांजिस्टर इस्तेमाल होते थे तथा मेन मेमोरी के लिए ferrites cores तथा सेकेंडरी मेमोरी के लिए magnetic disks का प्रयोग किया जाता था।
इसमें हाई लेवल लैंग्वेज जैसे FORTRAN (1956), ALOGL (1960), तथा COBAL (1960-61) का प्रयोग होता था।
इनपुट और आउटपुट के लिए इनपुट आउटपुट प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता था।
Transistors वैक्यूम ट्यूब से छोटे होते थे और इनकी कार्य गति भी अधिक होती थी।
इनके निर्माण का खर्च भी कम था तथा इनसे कम्प्यूटर्स का साइज भी छोटा हो गया था।
Central processing unit का कंसेप्ट भी इस जनरेशन में शुरू हुआ। मेमोरी, programming languages और इनपुट आउटपुट यूनिट्स का विकास हुआ।
अब कम्प्यूटर्स बहुत अधिक तेज, भरोसेमंद और versatile हो गए थे।
इस पीढ़ी के computers के उदाहरण : –
GE 635
1BM 1400 series.
Third generation (1964 – 1971) integrated circuit :
इस पीढ़ी में languages और operating systems को develop करने के लिए main Focus software पर था।
Integrated circuits (ICs) के आने से IT industry मैं एक बहुत बड़ा बदलाव आया।
छोटे आकार के ICs का विकास हुआ जिनमें 300 transistors की क्षमता होती थी।
एक आई सी में बहुत से transistors, registers और capacitors एक पतली सी silicon slice पर बने होते थे।
इसी दौरान आईसी को लार्ज स्केल इंटीग्रेशन में बदला गया जिसमें लगभग 100 components होते थे। इन्हें LSI कहा जाता था।
High level language BASIC (Beginners all purpose symbolic instruction code) का निर्माण इस दौर में हुआ था।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में छोटे, सस्ती और बड़ी मेमोरी वाले थे, इनकी प्रोसेसिंग गति भी बहुत अधिक थी।
Output के लिए monitors और input के लिए keyboards को develop किया गया था। External storage के लिए magnetic disks को इस्तेमाल किया जाता था।
Report Program Generator (RPG) PASCAL main programming languages के रूप में develop की गई थी।
इस पीढ़ी का famous computer IBM system
1360 है।
Fourth Generation (1971 – Present) Microprocessors :
इस जनरेशन में माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण हुआ यह एक सिलिकॉन चिप है जिसमें बहुत सारे VLSI लगे होते हैं।
इस पीढ़ी में large scale integration (LSI) develop हुए थे।
LSI एक single chip पर हजारों transistors को जगह देता है। VLSI एक single chip पर 10 लाख transistors को जगह देता है।
नए input और output, storage device भी इसी पीढ़ी में introduce किए गए थे।
Micro कम्प्यूटर्स इसी पीढ़ी में सामने आए और IT industry को revolutionize कर दिया। Sophisticated operating systems और application software भी इसी दौरान सामने आए।
Fourth Generation computers के कुछ उदाहरण :-IBM system 1370, HP 3000(Hewlett Packard).
Fifth Generation (present & beyond) artificial intelligence :
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में ULSI (ultra large scale integration) chips का विकास हुआ।
ULSI Chip में एक ही चीज पर लाखो ट्रांजिस्टर लगे होते हैं।
इस समय में 64 bit microprocessor का विकास हुआ।
इन प्रोफेसर के data flow तथा EPIC Architecture का विकास भी इसी दौरान हुआ।
आधुनिक प्रोसेसर्स में RISC तथा CISC दोनों तरह के designs प्रयोग में लाए गए।
एक जीबी से अधिक Memory chips तथा flash memory, एक terabytes या उससे भी अधिक समता की hard disks तथा 50 GB तक की optical disks का निर्माण भी हुआ।
यह पीढ़ी advanced super कम्प्यूटर्स की है। इस पीढ़ी में artificial intelligent कम्प्यूटर्स जो ‘सोच और समझ’ सकते हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया गया।
Artificial intelligence computer science कि वह branch है जो कम्प्यूटर्स को human imagination और intelligence की power प्रदान करती है।
इसी पीढ़ी में hardware की miniaturizing भी हुई है। Companies एक नया hardware बना रही है जो compact और mobile हो। हर सुबह एक नए software का निर्माण हो रहा है। IT ने मानव जीवन के हर पहलू को automated बना दिया है। High speed, तार्किक तथा memory chips में high performance, इंसान की तरह बुद्धिमान एवं स्वयं निर्णय लेने की योग्यता रखते हैं, जैसे Robots. आदि।
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