ओलंपिक खेलों का इतिहास – History of Olympic Games

ओलंपिक खेल :-

प्राचीन ओलंपिक खेल यूनान के ओलंपिया शहर में 776 ईसा पूर्व में प्रारंभ हुआ। पहली बार यह खेल ग्रीक देवता ज्यूस के सम्मान में खेला गया। यह खेल तब से 4 वर्षों में एक बार 394 ई. तक खेले गए फिर रोम के राजा थियोडोसियस के आदेश के कारण इन खेलों का आयोजन बंद कर दिया गया। आधुनिक ओलंपिक-खेल प्रतियोगिता का प्रारंभ 1896 ई. को फ्रांस के बैरॊन पियरे डि-कोबार्टिन के प्रयासों से यूनान के एथेंस शहर में हुआ। इसका आयोजन भी प्रत्येक 4 वर्ष के अंतराल पर किया जाता है। अंतराष्ट्रीय खेल समिति की स्थापना 1894 ई. में सखोन नामक स्थान पर हुई थी। इसका मुख्यालय लोसाने  (सविट्जरलैंड) में है

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक-खेल  समिति  खेलों को संचालित करने वाली संस्था है। इस समिति की एक कार्यकारिणी होती है जिसमें एक अध्यक्ष तीन उपाध्यक्ष तथा सात अन्य सदस्य होते हैं। यह संस्था ओलंपिक-खेलों का स्थान, नियम, संचालन आदि निर्धारण करती है
नोट :- भारतीय औलंपिक खेल परिषद की स्थापना 1924 ई. में की गई थी और सर जे.जे.टाटा इस के प्रथम ‘अध्यक्ष’ थे। अंतरराष्ट्रीय खेल समिति की पहली भारतीय महिला सदस्य नीता अंबानी है। आईओसी ने 4 अगस्त 2016 को (129 वें सत्र) 52 वर्षीय अंबानी को सदस्य के रूप में चुना गया हैं। वह भारत से आईओसी की वर्तमान में एकमात्र सक्रिय सदस्य है। वह 70 वर्ष की उम्र तक इससे जुड़ी रहेंगी।

ओलंपिक खेल के आदर्श :-

ओलंपिक ध्वज :-  बैरोन पियरे डि-कोबार्टिन के सुझाव पर 1913  ई. में ओलंपिक ध्वज का सृजन हुआ। जून, 1914 में इसका विधिवत उद्घाटन पेरिस में हुआ तथा इस ध्वज को सर्वप्रथम 1920 ई. में एंटवर्प औलंपिक में फहराया गया। ध्वज की पृष्ठभूमि सफेद है। सिल्क के बने ध्वज के मध्य में औलंपिक प्रतीक के रूप में पांच रंगीन चक्र एक दूसरे से मिले हुए दर्शाए गए हैं, जो विश्व के पांच महाद्वीपों के प्रतिनिधित्व करने के साथ ही निष्पक्ष एवं मुक्त स्पर्धा का प्रतीक है।   नीला चक्र -यूरोप, पीला चक्र- एशिया, काला चक्र- अफ्रीका, हरा चक्र- ऑस्ट्रेलिया एवं लाल चक्र- उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका।

ओलंपिक खेल का उद्देश्य :- सन 1897 में फादर डीडोन द्वारा रचित सिटियस, अल्टियस, फोर्टियस, लैटिन में इस खेल का उद्देश्य है जिनका अर्थ है तेज, ऊंचा, और बलवान। इसको इस खेल के उद्देश्य के रूप में पहली बार 1920 में एंटवर्प (बेल्जियम) औलंपिक-खेलों में प्रस्तुत किया गया।
ओलंपिक खेल मशाल :- इसे जलाने की शुरुआत 1928 ई. के एम्सटर्डम इस खेल से हुई। 1936 में बर्लिन  खेलों में मशाल के वर्तमान स्वरूप को अपनाया गया। इसी समय से औलंपिक मिशाल को आयोजन स्थल तक लाने का प्रचलन प्रारंभ हुआ। इस मशाल को खेल शुरू होने के कुछ दिन पूर्व यूनान के ओलंपियां में हेरा मंदिर के सामने सूर्य की किरणों से प्रज्जवलित किया जाता है और वहां से आयोजन स्थल तक विभिन्न खिलाड़ियों द्वारा लाई जाती है। इसी मशाल से खेल समारोह विशेष की मशाल प्रज्वलित की जाती है।
ओलंपिक खेल पदक :-इन खेलों में विजेताओं को 3 प्रकार के पद दिए जाते हैं-  स्वर्ण, रजत, एवं कांस्य। स्वर्ण पदक 60 मिलीमीटर वृत्त में एवं तीन मिलीमीटर मोटा होता है। यह 92.5% रजत परतयुक्त 6 ग्राम सोने का होता है। रजत पदक 60 मिलीमीटर वृत्त में एवं 3 मिलीमीटर मोटाई वाला होता है। यह 92.5% रजत का बना होता है। कांस्य पदक पूरी तरह कांस्य से बना होता है। स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को मिलता है।

खेलों  के कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :-

इन खेलों में शपथ ग्रहण करने की परंपरा 1920 ई. के एन्टवर्ष से प्रारंभ हुई। खेलों के प्रारंभ होने से पूर्व आयोजक देश का कोई एक खिलाड़ी समस्त प्रतियोगी देशों के खिलाड़ियों के प्रतिनिधि के रूप में शपथ ग्रहण करता है। इन खेलों का समारोह में शुभंकर की परंपरा वर्ष 1968 के मैक्सिको सिटी औलंपिक से प्रारंभ हुई ।
इन खेलों के उद्घाटन समारोह में मार्च पास्ट में यूनान की टीम सबसे आगे एवं मेजबान देश की टीम सबसे पीछे रहती है। बाकी देशों की टीमों का स्थान अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों के क्रम में निश्चित होती है। इन खेलों का टीवी पर विस्तृत प्रसारण 1960 ई. के रोम औलंपिक-खेलों से प्रारंभ हुआ। 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में फिलिस्तीनी आतंकवादी हमले में 11 इजराइली एथलीट मारे गए थे।
एक ही औलंपिक में सर्वाधिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पुरुष खिलाड़ी USA के तैराक माइकल फेल्प्स है।गोल्डेन शार्क के रूप में विख्यात फेल्प्स ने 2008 के बीजिंग में तैराकी की विभिन्न स्पर्धाओं में आठ स्वर्ण पदक जीते हैं। इसके अतिरिक्त फेल्प्स ने 2004 के एथेंस में छह स्वर्ण एवं दो कांस्य 2012 के लंदन खेल में चार स्वर्ण एवं दो रजत एवं 2016 के रियो ओलंपिक में पांच स्वर्ण पदक एवं एक रजत पदक जीता। इस प्रकार फेल्प्स ने कुल 23 स्वर्ण, तीन रजत एवं दो कांस्य पदक सहित कुल 28 पदक जीते जो किसी व्यक्ति द्वारा सर्वाधिक इन खेलों में पदक जीतने का रिकॉर्ड है। इससे पूर्व 18 पदक जीतने का रिकॉर्ड  लारसिया लटानिया का था
फेल्प्स से पूर्व एक ही औलंपिक में सर्वाधिक सात स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड USA के मार्क सपिट्ज का था, जिसने 1972 के म्यूनिख खेल में तैराकी की विभिन्न स्पर्धाओं में 7 स्वर्ण पदक जीते थे।
किसी ओलंपिक में सर्वाधिक 55 स्वर्ण पदक जीतने का विश्व रिकॉर्ड रूस का है। रूस ने 55 स्वर्ण पदक 1988 में सियोल औलंपिक में जीते थे। भारत की ओर से इन खेलों में भाग लेने वाला प्रथम खिलाड़ी एक आंगन इंडियन नॉर्मन प्रिजारड है, जिस ने 1900 ई. के द्वितीय ओलंपिक में भाग लिया तथा एथलेटिक्स स्पर्धा में दो रजत पदक प्राप्त किया।
भारत ने सर्वप्रथम 1920 के औलंपिक में अपने खिलाड़ियों का दल भेजा। इस दल में दो पहलवान, दो एथलीट एवं एक प्रबंधक थे। इन 4 खिलाड़ियों में फदीपा डरेपा छागुले ने मैराथन दौड़ में 19वां स्थान प्राप्त किया। इस प्रकार वह भारत के प्रथम मैराथन धावक हुए। ओलंपिक में एथलेटिक्स स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले प्रथम भारतीय मिल्खा सिंह थे, जिन्होंने 1960 के रोम औलंपिक के 400 मीटर दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया था।
महिलाओं की इन खेलों में भागीदारी 1900 ई. द्वितीय औलंपिक-खेलों से हुई।
इन खेलों में फुटबॉल में रेफरी का दायित्व निभाने वाली विश्व की प्रथम महिला कनाडा की सोनिया  डेनानकोरड है,(अटलांटा ओलंपिक- 1996 में)। इन खेलों में सर्वाधिक स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला खिलाड़ी का नाम लरीना लाव्यनीना है, जिसने जिमनास्टिक वर्ग में सर्वाधिक 9 स्वर्ण पदकों सहित कुल 18 पदक जीते हैं।
इन खेलों में भाग लेने वाली प्रथम भारतीय महिला खिलाड़ी मैरी लीला राव है।
लंदन पहला शहर है जिसने तीन बार इन खेलों में  1908,1948 एवं 2012 की मेजबानी की।
सऊदी अरब, कतर एवं ब्रूनेई ने लंदन औलंपिक 2012 में पहली बार महिला एथलीट भेजें।

रियो ओलंपिक, 2016

31वें  ग्रीष्मकालीन इन खेलों का शुभारंभ ब्राजील के शहर रियो डे जिनेरो में 5 अगस्त, 2016 को हुआ। इसका उद्घाटन ब्राजील के कार्यवाहक राष्ट्रपति माइकल टेमर ने अंतरराष्ट्रीय खेल समिति के अध्यक्ष थामस बाख और संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख बान-की-मून की उपस्थिति में किया। उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण ग्लोबल वार्मिंग का संदेश रहा।

नोट :- ब्राजील के राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ मई, 2016 में महाभियोग लगाए जाने के बाद से प्रतिबंधित हैं। इसी कारण वे उद्घाटन कार्यक्रम में भाग नहीं ले सके। उद्घाटन समारोह की रूपरेखा मशहूर ब्राजीली फिल्मकार फर्नाडो मिलेरस और डेनिएला थॉमस ने तैयार की थी। अमेरिका की स्टार गायिका कैटी परी का नया गाना ‘राइस’ रियो औलंपिक-खेलों का थीम सॉन्ग था, ब्राजील के 2004 एथेंस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता वांडरलेई डिलीमा ने औलंपिक ज्योति प्रज्वलित की। महान फुटबॉलर पेले को ओलंपिक ज्योति प्रज्वलित करनी थी, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण वे ज्योति प्रज्वलित नहीं कर पाए।
इन खेलों में 205 देशों के लगभग 11,545 खिलाड़ियों ने अठाईस खेलों के 41 स्पर्धाओं में भाग लिया!
परंपरा अनुसार यूनान का दल खिलाड़ियों के परेड में सबसे पहले आया। मेजबान ब्राजील की टीम सबसे आखिर में आई। अन्य सभी देशों ने इस बार अंग्रेजी वर्णमाला के स्थान पर पुर्तगाली वर्णमाला में उनके नाम के अनुसार मैदान में प्रवेश किया।
उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक अभिनव बिंद्रा था।
अमेरिका के 500 सदस्यीय दल के ध्वजवाहक माइकल फेल्प्स था
मेजबान देश ब्राजील का ध्वजवाहक येन मारक्यू था।
कोसोवो और दक्षिणी सूडान ने पहली बार 2016 के रियो औलंपिक में भाग लिया। रियो ओलंपिक में पहली बार शरणार्थियों की टीम शामिल हुई! इस टीम में विभिन्न देशों के कुल 10 खिलाड़ी हैं जो शरणार्थी है। ये खिलाड़ी हैं- सीरिया के यूसरा एवं रामी अनीस, कांगो के योलांडा व मिसेंगा, सूडान के पाऊलो लोकोरो, पाऊलो, यीच वील रोस व एंजेलिना तथा इथियोपिया के जेम्स चिंगएक व योनास किडे। कुवैत के निलंबन के कारण कुवैत के खिलाड़ियों को औलंपिक झंडे के तले  स्वतंत्र एथलीट के रूप में खेलने की इजाजत मिली।
रियो में दो नए खेलो रग्बी-7 और गोल्फ को शामिल किया गया। रग्बी-7 का स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक क्रमशः फिजी, ग्रेट ब्रिटेन एवं दक्षिण अफ्रीका ने जीता, वहीं गोल्फ  का स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक क्रमशः जस्टिन रोस (ग्रेट ब्रिटेन) एवं    हेनरिक टेनसन (स्वीडेन) एवं माट कुचर (यू एस ए) ने जीता। रियो ओलंपिक का पहला स्वर्ण पदक अमेरिका की 19 वर्षीय शूटर वर्जिनियां थ्रेशर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में जीती।मेजबान देश ब्राजील के लिए पहला स्वर्ण पदक राफेला ने कैरीओका- दो स्पर्धा में जीती।
रियो ओलंपिक का आखिरी स्वर्ण पाने का सम्मान केन्या के मैराथन विजेता एलियुड किपचोगे को मिला (रजत – फेयिसा लिलेसा, इथियोपिया, कांस्य- गैलन रप अमेरिका)। रियो ओलंपिक में फ्रांस के जिमनास्ट समीर ऐट सैद का वाल्ट इवेंट के दौरान बायाँ पैर टूट गयारियो औलंपिक में 12 अगस्त, 2016 को 120 साल के औलंपिक इतिहास का तीसरा गोल्डन टाई तैराकी में देखने को मिला। महिलाओं की 100 मीटर फ्री स्टाइल इवेंट में कनाडा की पेनी ओलेकसियाक और अमेरिका की सिमोन मैनुअल बराबरी पर रही। दोनों ने 52.70 सेकंड में रेस पुरी की। यानी गोल्डन टाई। दोनों को गॉड मिला, सिल्वर किसी को नहीं।
दक्षिण कोरिया की महिला तीरंदाजी टीम ने लगातार रियो औलंपिक में आठवीं बार स्वर्ण पदक जीता। कोरिया ने फाइनल में रूस को 5-1 से हराया! कोरिया के पुरुष तीरंदाजी टीम ने भी रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता! कोसोवो पहली बार रियो औलंपिक में हिस्सा ले रहा है। उसने यहां स्वर्ण पदक के साथ शुरुआत की। जूडो खिलाड़ी मांजलिंडा केलमेडी ने 52 किलोग्राम वर्ग में इटली की ऑडिटी को हराकर देश को पहला स्वर्ण दिलाया। 21 अगस्त, 2016 को 31 वें ओलंपिक का समापन अंतरराष्ट्रीय खेल समिति के अध्यक्ष थामस बाक ने माराकाना स्टेडियम में टोक्यो में 2020 में मिलने के वादे के साथ किया!

रियो ओलंपिक : भारत

रियो औलंपिक में भागीदारी हेतु भारत ने कुल 123 खिलाड़ियों का दल भेजा जिसने 15 खेल स्पर्धा में भाग लिया। भारतीय  खिलाड़ी मार्च पास्ट में इस बार शेरवानी के स्थान पर सूट पहनकर मैदान में आए। भारत के लिए वीपी सिंधु ने महिला बैडमिंटन (एकल) का रजत पदक और साक्षी मलिक ने 58 किलोग्राम की फ्रीस्टाइल महिला कुश्ती का कांस्य पदक प्राप्त किया। दीपा  कर्माकार  जिमनास्टिक स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली प्रथम महिला है। वह वाल्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही। उसने जिमनास्टिक के बेहद कठिन कहे जाने वाले स्टेप प्रोडुनोवा को सफलतापूर्वक किया

प्रोडुनोवा :- वोल्ट स्पर्धा में खास टेप का नाम रूस की महान जिम्नास्ट येलेना प्रोडयूनोवा के नाम पर रखा गया है। इसमें घुटनों को मोड़कर घूमना होता है। मामूली सी चूक से इसमें सिर के बल गिरना तय है और जान जा सकती है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है, कि अब दीपा के अलावा सिर्फ चार जिम्नास्ट ही इसमें सफलता के बाद कैरियर बना सकी।

बैडमिंटन महिला एकल का स्वर्ण पदक स्पेन के कैरोलिना मैरीन ने जीता।
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