पंचकूला जिले का परिचय (नैनो सिटी) – Introduction of Panchkula District

पंचकूला जिला हरियाणा की उत्तर दिशा में स्थित है। इसके उत्तर पूर्व में हिमाचल, पश्चिम में पंजाब व चंडीगढ़, दक्षिण में अंबाला स्थित है। पंचकूला जिले को नेहरो की सिटी भी कहा जाता है। इस जिले का यह नाम पांच कूप (झरनों) के कारण पड़ा है। इस जिले के उत्तर व पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण में अंबाला और पश्चिम में पंजाब व चंडीगढ़  लगता हैं। यहां घग्घर, सिरसा नदी व कौशल्या नदियां बहती हैं। मोरनी पहाड़ी यहां की सबसे ऊंची जगह है। 
यहां पंचकूला अर्बन एस्टेट, H.M.T. व पिंजौर और सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में उभर कर आया है। यहां के दो मंदिरों में से एक मंदिर पटियाला रियासत के राजा कर्म सिंह ने 1861 ईसवी में बनवाया था। उस समय इसका नाम पंचपुरा था। जो बाद में पिंजोर के नाम से जाना जाने लगा। पिंजोर मुगल बाग के लिए जाना जाता है; जिसे 17 वी सदी में फिदा ए खान ने बनवाया था। आधुनिक काल में इस बाघ को पटियाला के महाराजा यादविंदर सिंह की याद में यादवेंद्र गार्डन के नाम से जाना जाता है।
पंचकूला के अन्य पर्यटक स्थलों में मोरनी की पहाड़ियां, कालका देवी मंदिर आदि बहुत अधिक मशहूर हैं। पंचकूला, मोहाली तथा चंडीगढ़ को ट्राइसिटी भी कहा जाता है। तथा इसे नहरों का शहर भी कहा जाता है। कालका का प्राचीन नाम कालकूट था। पंचकूला में सिंचाई विभाग, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, हरियाणा लोक सेवा आयोग, एशिया का सबसे बड़ा गार्डन कैक्टस गार्डन, पालतू पशु चिकित्सा केंद्र, टीचर होम (62 लाख की लागत से निर्मित) और हरियाणा साहित्य अकादमी का मुख्यालय, टिक्कर ताल झील (मोरनी), पहाड़ों की रानी(मोरनी), किदाई खां का गार्डन (जिसे मुगल गार्डन के नाम से भी जाना जाता है), तकिया बनवा फकीर, नाडा साहिब गुरुद्वारा और नाहन की कोठी भी  स्थित है।
स्थिति : यह जिला हरियाणा के उत्तरी भाग में स्थित है।
स्थापना : 15 अगस्त 1995 को 17वें में जिले के रूप में।
क्षेत्रफल : 898 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या : 561293 (2011 के अनुसार)
जनसंख्या घनत्व : 625 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
लिंगानुपात : 873
साक्षरता दर : 83.4%
मुख्यालय : पंचकूला
विधानसभा क्षेत्र : पंचकूला व कालका
तहसीलें : पंचकूला, रायपुर रानी व कालका
उप तहसीलें : बरवाला, पिंजौर, मोरनी, रायपुररानी
खंड : बरवाला, पिंजोर, मोरनी, रायपुर रानी
नदी : घाघर (पंचकूला के कालका से हरियाणा में प्रवेश करती है)।
पर्वत श्रृंखला : हिमालय का पहाड़ी क्षेत्र, इसमें शिवालिक श्रेणी या विस्तृत है जोकि मोरनी पहाड़ियों में स्थित करोह (जिसकी ऊंचाई 1,514 मीटर) है राज्य का सर्वोच्च ऊंचा स्थान है।
प्रमुख उद्योग : पिंजौर एचएमटी, सूरजपुर उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
हवाई अड्डा : पिंजौर
प्रमुख नगर : पिंजोर, कालका, रायपुर रानी, पंचकूला नगरी क्षेत्र
प्रमुख फसलें : गन्ना, चावल, गेहूं, मक्का, प्याज
प्राचीन नाम : पंच कूप

महत्वपूर्ण स्थल

भीमा देवी मंदिर :

यह पंचकूला के पिंजौर में स्थित है। यह पंचायत शैली का मंदिर है जो हरियाणा का सबसे पुराना मंदिर है। इसे उत्तर भारत का खुजराहो मंदिर भी कहा जाता है।

मोरनी हिल :

शिवालिक पहाड़ियों गिरी माला में स्थित मोरनी नाम के पहाड़ी क्षेत्र एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। मोरनी की पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी करोह चोटी (1,514 मीटर) है।  मोरनी की पहाड़ियों पर चीड़ के वृक्ष तथा यह क्षेत्र हरड़ उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। मोरनी हिल की पहाड़ियों पर पथरीली मिट्टी पाई जाती हैं। वर्तमान में हरियाणााा राज्य का अभिलेखागार तथा खोल की रेतान वन्य जीव अभ्यारण  व वीर शिकारगढ़ जीव अभयारण्य भी पंचकूला में स्थित है।
हर्बल फॉरेस्ट पार्क  मोरनी की पहाड़ियों में स्थित है।

सम लोटा मंदिर (मोरनी):

चंडीमंदिर, चंडीगढ़ पश्चिमी सेना कमांड का मुख्यालय, चंडी मंदिर के नाम पर इसका नाम चंडीगढ़ पड़ा। गुलाब के फूलों का सर्वाधिक उत्पादन चंडीगढ़ में ही होता है। हरियाणा में सबसे कम विधानसभा क्षेत्र पंचकूला में है। रायपुर रानी (पंचकूला) को नैनो सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

पिंजोर का यादविंदर उधान :

पिंजौर के यादविंदर गार्डन को उत्तर भारत का नंदन वन कहा जाता है। जोकि आकर्षण का मुख्य केंद्र है।

मनसा देवी मंदिर :

चंडीगढ़ से लगभग 9 किलोमीटर दूर मणिमाजरा के निकट शिवालिक पहाड़ियों के प्रथम शिखर पर माता मनसा देवी का प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर स्थित है। माता मनसा देवी मंदिर में उत्तर भारत के लोगों की काफी मान्यता है। इस मंदिर में नवरात्रों के समय मेले का आयोजन किया जाता है। इस स्थान का दूसरा नाम शक्ति देवी है। मणिमाजरा के महाराज गोपाल सिंह नेेे यह मंदिर बनवाया था जोकि मुस्लिम शैली का प्रतीक है।

काली माता मंदिर (कालका) :

पहाड़ी क्षेत्र कालका में कालका शिमला मार्ग पर पहाड़ियों से घिरा काली माता का मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इसका संबंध काली माता से है पांडवों ने यहां अज्ञातवास बिताया था। इसके नजदीक ही त्रिमूर्ति बालाजी धाम भी स्थित है जहां पर 3 मूर्तियां हैं।
1 बालाजी (हनुमान)
2 प्रेतराज सरकार
3 भैरव

रॉक गार्डन :

चंडीगढ़ के रॉक गार्डन का निर्माण नेक चंद सैनी ने सन 1958 में करवाया था यह गार्डन शिल्पकृति शैली से निर्मित है। इस गार्डन को नेक चंद सैनी उधान  के नाम से भी जाना जाता है। यह उद्यान कूड़े कर्कट के बेकार  समान प्लास्टिक की बोतलें, टायर्स, चूड़ी, टाइल्स आदि को मिलाकर बनाया गया है यह गार्डन सुखना झील के समीप स्थित है जोकि आकर्षण का एक मुख्य केंद्र है प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में लोग इस गार्डन को देखने के लिए आते हैं।

रोज गार्डन :

ज़ाकिर हुसैन रोज गार्डन भारत के चंडीगढ़ शहर में 30 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है
यह गार्डन जाकिर हुसैन गार्डन के नाम से भी प्रसिद्ध है यहां पर गुलाब के फूलों की 1600 प्रजातियां
पाई जाती हैं और यहां पर 50000 गुलाब के फूल लगे हुए हैं। फरवरी के महीने में यहां पर फूलों का
मेला भी लगता है जो कि वर्ष 2017 में 17 से 19 फरवरी तक लगा था यह गार्डन लोगों के आकर्षण
का केंद्र बना हुआ है।

पिंजौर :

महाभारत काल में राजा विराट की राजधानी रह चुका पिंजोर को कभी विराटनगर के नाम से भी जाना जाता था। पिंजोर को 360 बावरियों वाला कस्बा भी कहा जाता है। आज का पिंजौर ही महाभारत कालीन पंचमपुर का हिस्सा था। हरियाणा के इतिहासिक कस्बे हांसी से प्राप्त पृथ्वीराज चौहान के एक शिलालेख में भी पिंजौर को पंचमपुर के नाम से संबोधित किया गया है। यहां का मुगल गार्डन भारत के गिने-चुने उद्योगों में से एक माना जाता है; जिसका निर्माण वर्ष 1961 में औरंगजेब के चचेरे भाई व पंजाब के गवर्नर फिदाई खान ने पंजाब विलय के उपलक्ष्य पर करवाया था। जिस का विस्तृत वर्णन वर्ष 1996 में मुंशी सुजान राय द्वारा लिखित किताब खुलास्तू-तवारीख में मिला है।

Note :

  • गुलाब के फूलों का सबसे बड़ा उत्पादक जिला ।
  • हरियाणा में सबसे कम विधानसभा क्षेत्र वाला जिला ।
  • खोल के रतन वन्य जीव अभ्यारण इस जिले में है ।
  • सबसे कम भैंस और पशुधन वाला जिला ।
  • वीर शिकारगढ़ वन्य जीव अभ्यारण हरियाणा के इस जिले में हैं ।
  • हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का मुख्यालय , हरियाणा लोक सेवा आयोग का मुख्यालय, हरियाणा साहित्य अकादमी का मुख्यालय भी पंचकूला में ही स्थित हैं ।

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