यह जिला हरियाणा राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर दस पर स्थित रोहतक नगर पंवार राजा रोहतास द्वारा स्थापित किया गया था। सन 1820 ईसवी में हिसार जिला बनाया गया था तो इसमें बेरी, महम और भिवानी तहसीलों को शामिल किया गया। इसके बाद सन 1824 में जब यह जिला बनाया गया तो उसमें गोहाना, खरखोदा, मांडोठी, बेरी, महम और भिवानी तहसीलों को भी शामिल कर दिया गया। सन 1832 ईसवी में दिल्ली का समस्त राज्य, जिसमें इस जिले को शामिल था, एक राजनीतिक एजेंट के द्वारा शासित किया गया। जो दिल्ली में निवास करता था। सन 1841 ईसवी में जिले को समाप्त कर दिया गया लेकिन अगले वर्ष इसे दोबारा से जिला घोषित कर दिया गया।
10 मई 1857 को मेरठ और अंबाला में सेना विद्रोह पर उतर आई और उसी दिन उन्होंने दिल्ली को अपने कब्जे में कर लिया। सूबेदार शाह नूर खान के नेतृत्व में हरियाणा “लाइट इन्फेंट्री” ने भी बगावत कर दी थी। सन 1857 की इस घटना के बाद कई प्रशासनिक परिवर्तन किए गए। बहादुरगढ़ तहसील को सापला तहसील में मिला दिया गया। झज्जर को एक नया जिला बना दिया गया; जिसमें नारनौल, कनौड और चरखी दादरी को भी शामिल कर दिया गया।
उसके बाद 13 अप्रैल 1858 कि भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार रोहतक व झज्जर जिलों को दिल्ली व हिसार मंडल समेत पंजाब में शामिल कर दिया गया। उसके कुछ समय बाद बाद झज्जर का कुछ भाग, चरखी दादरी व उसके साथ लगते इलाके जींद के राजा को, नारनौल का इलाका राजा पटियाला को तथा कसौली में बावल का क्षेत्र राजा नाभा को दे दिया गया था। झज्जर जिले को सन् 1860 में समाप्त कर दिया गया और सन् 1861 में इसे रोहतक जिले में जोड़ दिया गया। महम तहसील को भी समाप्त कर दिया गया। इस जिले में पहले झज्जर व सोनीपत जिला शामिल थे। नमक सत्याग्रह आंदोलन हो या भारत छोड़ो आंदोलन हो या असहयोग आंदोलन इन आंदोलनों में यहाँ के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था। शहर के पंडित श्रीराम शर्मा, कामरेड लक्ष्मणदास, लाला दौलत राम, सुल्तान सिंह, रणबीर सिंह ज्योतिष प्रसाद आदि ने देश की आजादी के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए थे।
लेख राम ने सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर दिल्ली के एक बैंक में डकैती डाली और वहां से करीब 17000 रुपए प्राप्त किए। दिसंबर 1929 में वायसराय लॉर्ड इरविन की रेलगाड़ी को उड़ाने के लिए प्रयोग में लाए गए बम रोहतक में तैयार किए गए थे।
यह नगर प्राचीन काल से लकड़ी व कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला हरियाणा की एजुकेशन सिटी भी कहा जाता है। क्योंकि यहां पर महाऋषि दयानंद विश्वविद्यालय और पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के अतिरिक्त अनेक महाविद्यालय, बहुतकनीकी संस्थान, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षण महाविद्यालय के साथ-साथ अनेक उच्च माध्यमिक एवं प्राथमिक पाठशाला स्थापित है। शहर क्लॉथ मार्केट हरियाणा में ही नहीं बल्कि उत्तर भारत की सबसे बड़ी कपड़े की मार्केट मानी जाती है। इसे हरियाणा की राजनीतिक राजधानी भी कहा जाता है।
स्थिति : यह जिला हरियाणा राज्य के मध्यवर्ती भाग में स्थित है। इसके उत्तर में जींद जिला, उत्तर पूर्व में सोनीपत जिला, दक्षिण-पूर्व एवं दक्षिण में झज्जर जिला, दक्षिण-पश्चिम में भिवानी जिला और उत्तर पश्चिम में हिसार जिला स्थित है।
स्थापना : 1 नवंबर 1966
जनसंख्या : 1061204
जनसंख्या घनत्व : 608 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
लिंगानुपात : 867 महिलाएं/प्रति हजार पुरुष
साक्षरता दर : 80.22%
क्षेत्रफल : 1745 वर्ग किलोमीटर
रेलवे स्टेशन & मुख्यालय : रोहतक जंक्शन
प्राचीन नाम : रोहतासगढ़
उपमंडल : रोहतक, सांपला वह महम
तहसीलें : रोहतक, सांपला, कलानौर व महम
उप तहसील : लाखन माजरा
खंड : महम, लखनमाजरा, कलानौर, सांपला
प्रमुख फसलें : गेहूं, तिलहन, ज्वार, धान, गन्ना व कपास
प्रमुख उद्योग : खाद उत्पादन, कपास उद्योग, चीनी, पावरलूम
प्रमुख पर्यटक स्थल : तिलियार झील, मैना और नौरंग (महम), गुरु करण तलाब, दीनी मस्जिद, लाल मस्जिद, शीशे वाली मस्जिद, काजी मस्जिद, अस्थल बोहर।
महत्वपूर्ण संस्थान : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, फिल्म एवं टी.वी. संस्थान, फैशन डिजाइन संस्थान, फाइन आर्ट संस्थान, PGIMS विश्वविद्यालय।
प्रमुख व्यक्ति : साक्षी मलिक (मोखरा गांव जन्म 3 सितंबर 1992), अनुराधा बेनीवाल (आजादी का ब्रांड नामक कविता लिखी और शतरंज के खिलाड़ी हैं), पूजा बत्रा (अभिनय), रणदीप हुडडा (अभिनय), सुभाष घई (निर्माता-निर्देशक), अशोक घई (निर्माता-निर्देशक), के.पी. कौशिक (संगीतकार), जसविंदर नरूला (गायन), पारुल गुलाटी (अभिनय) दीनबंधु सर छोटूराम, मातूराम, ममता खरब, भूपेंद्र सिंह हुडडा, रणबीर सिंह हुडडा, पहलवान अशोक कुमार गर्ग, स्वामी इंद्र वेश, जे.पी. कौशिक ।
पर्यटक स्थल : –
तिलियार पर्यटक स्थल :
यह पर्यटक स्थल जिले में नगर से 5 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में अस्थल बोहर मठ के समीप 123 एकड़ में फैला हुआ तिलीयार पर्यटक स्थल है। यहां का प्रमुख आकर्षण केंद्र तिलीयार झील है।
लाल मस्जिद :
लाल मस्जिद रोहतक नगर की एक मनोहर व प्रसिद्ध मस्जिद है। भिवानी बस स्टैंड पर स्थित इस मस्जिद को सन 1939 में नगर के एक प्रसिद्ध व्यापारी हाजी आशिक अली ने बनवाया था।
नौरंग पर्यटक स्थल :
राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर दस पर हरियाणा का इतिहासिक नगर महम स्थित है। इस नगर में महम 24 चबूतरा स्थित है, जहां पर 24 गांव का किसी भी कार्य का फैसला लिया जाता है। इसी के साथ नौरंग नामक पर्यटक स्थल हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा बनाया गया है।
दीनी मस्जिद :
रोहतक की दिनी मस्जिद एक ऐतिहासिक प्राचीन मस्जिद है। सुल्तान अलाउद्दीन के शासनकाल में मंदिर को मस्जिद के रूप दे दिया गया था। और सन् 1947 के बाद इसको फिर मंदिर का रूप दे दिया गया था।
काजी की मस्जिद :
रोहतक से 22 किलोमीटर दूर यह प्राचीन मस्जिद स्थित है। इस मस्जिद की मीनारें 60 फीट की है; जिनमें गोल सीढ़ियां कुतुबमीनार की तरह बनाई गई हैं। यह मस्जिद सफेद पत्थर से बनी हुई है।
गुरुद्वारा लाखन माजरा :
गांव लखन माजरा यहाँ से 20 किलोमीटर दूर रोहतक-जींद रोड पर बसा हुआ है, जहां पर प्रसिद्ध मंजी साहिब गुरुद्वारा बना हुआ है। कहावत के अनुसार गुरु तेग बहादुर जब दिल्ली शहीदी देने जा रहे थे। तब वे यहां पर एक रात के लिए रुके थे।
महम की बावड़ी :
इस जिले के कस्बे में स्थिति यह बावड़ी बहुत पुरानी मानी जाती है। इस बावड़ी को “महम की शान” माना जाता है। कस्बे के दक्षिणी पूर्वी भाग में महम-भिवानी मार्ग के समीप स्थित यह बावड़ी जल संचय का अनूठा उदाहरण है। यह बावड़ी शाहजहां के शासनकाल में सुददो कलाल ने 1656 इसवी में बनवाई थी।
गऊ कर्ण तलाब :
गऊ कर्ण नामक तलाब यही पर नगर में स्थित है। गोकर्ण महाराज के नाम पर यह स्थान गऊकर्ण तलाब के नाम से प्रसिद्ध है।
अस्थल बोहर मठ :
इस मठ की स्थापना 18वीं शताब्दी में अत्यंत तेजस्वी महान विभूति श्री चौरंगीनाथ ने की थी। लगभग ढाई सौ वर्ष पूर्व इस प्राचीन मठ जीर्णोद्धार सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ ने सन 1991 में किया था।
महत्वपूर्ण संस्थान : –
आकाशवाणी केंद्र :
जिला मुख्यालय में 8 मई 1976 को राज्य का पहला आकाशवाणी केंद्र रोहतक में स्थापित किया गया, जहां से हरियाणा की संस्कृति व विकास संबंधी कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं।
राज्य स्तरीय युद्ध स्मारक :
यह स्मारक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के प्रांगण में प्रथम द्वार के निकट स्थापित है। यह स्मारक दिसंबर 2004 में निर्मित हुआ था। इसमें एक मॉन्यूमेंट, एक हॉल ऑफ फेम और एक पुस्तकालय है।
पंडित भगवतदयाल मेडिकल विश्वविद्यालय :
सर्वप्रथम इस विश्वविद्यालय की स्थापना एक मेडिकल कॉलेज के रूप में जून 1960 में की गई थी। और 25 जनवरी 1963 को इसे स्वतंत्र मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिया गया जबकि इससे पहले यह कॉलेज गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज पटियाला के साथ गेस्ट कॉलेज के रूप में जुड़ा हुआ था। इसके प्रथम वाइस चांसलर डॉ सुखबीर सिंह सांगवान थे।
युद्ध स्मारक :
जिला स्तरीय युद्ध स्मारक यह स्थान मानसरोवर पार्क यहीं पर स्थित है। इस स्मारक पर पूरे जिले के शहीदों के नाम संगमरमर की सीमाओं पर खुदाई करके अंकित किए गए हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य : –
- महाभारत के नकुल दिग्विजय में रोहतक का वर्णन है। महाभारत के अनुसार पांडव योद्धा नकुल ने इस जिले की ओर बढ़ कर यह पाया कि वहां पर मतमयूरक नामक लोग बसे हुए थे। (यहां प्राचीन समय में राजा कार्तिकेय का राज हुआ करता था)।
- हरियाणा के रोहतक जिले में एक भी राज्य की सीमा स्पर्श नहीं करती है।
- रोहतक में कांग्रेस की स्थापना सन 1887 ईस्वी में हुई थी।
- महात्मा गांधी, मोहम्मद अली तथा शौकत अली के साथ 8 अक्टूबर 1920 को रोहतक आए थे।
- हरियाणा में सर्वप्रथम सन 1926 में इंटरमीडिएट स्तर का कॉलेज यहीं पर खोला गया था।
- हिंदी समर्थन सत्याग्रह आंदोलन में भी सबसे प्रभावित जिला रोहतक और हिसार थे।
- एकल खिलाड़ी योजना के कारण इस जिले का तेजी से औद्योगिकरण हो रहा है।
- हरियाणा का पहला एलिवेटेड रेलवे ट्रैक यहीं पर बनेगा जिसकी लागत 314 करोड रुपए प्रस्तावित है।
- कांग्रेस की पहली सार्वजनिक सभा हरियाणा के रोहतक में 12 अक्टूबर 1886 में हुई जिसके अध्यक्ष तुर्रा बाज खान थे।
- हरियाणा के इस जिले को “शुगर सिटी” के नाम से भी जाना जाता है।
- इस जिले पर आर्य समाज का प्रभाव सबसे अधिक पड़ा है।
- इंडो-ग्रीक शासकों के सिक्के खोखरा कोर्ट से प्राप्त हुए हैं।
- यह जिला कुषाण कालीन मूर्तियों का मुख्य केंद्र रहा है।
- रोहतक में दुर्गा मंदिर का शिलान्यास लालबहादुर शास्त्री वह उनकी पत्नी ने किया था।
- भगवान कृष्ण के भाई बलराम की मूर्ति रोहतक से प्राप्त हुई है।
- डोडा महल्ला उत्सव गुरु तेग बहादुर की याद में लाखन माजरा में मनाया जाता है।
- लॉर्ड इरविन की ट्रेन के नीचे बॉम्ब यहीं पर रखा गया था।
- पदम श्री सेठ किशन दास का संबंध हरियाणा के इस जिले से है।
- कुषाण शैली का द्वार रोहतक में स्थित है।
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