मेवात जिले का परिचय (नूंह) – Nuh District

Introduction to Nuh/Mewat 

मेवात जिला हरियाणा के दक्षिण भाग में स्थित है, इसके उत्तरी भाग में गुड़गांव, पूर्वी भाग में पलवल, पश्चिमी व दक्षिणी भाग में राजस्थानऔर दक्षिण पूर्व में उत्तर प्रदेश का मथुरा जिला स्थित है। हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने 2अक्टूबर, 2004 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर राज्य के 20वें जिले के रूप में मेवात की घोषणा की थी। गांधीजी का नारा सत्यमेव जयते का अनुसरण कर इस जिले का नाम सत्यमेवपुरम रखा गया था। भारत के बंटवारे के समय मेवात की बहू संख्यक मुस्लिम जनता भारत छोड़कर पाकिस्तान जा रही थी, तब महात्मा गांधी ने इन्हें रोकते हुए सम्मान व्यवहार, संपूर्ण सुरक्षा और विकास की गारंटी का वचन दिया था। 

यह क्षेत्र आज भी पूरे देश में सर्वाधिक पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। वर्ष 2005 में कांग्रेस सरकार के गठन के पश्चात इस जिले का नाम मेवात रख दिया गया। 4 अप्रैल 2005 को गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में से कुछ भाग अलग कर मेवात जिला बनाया गया था। मेवात जिले का अधिकतर भाग समतल है। मेवात जिले के कुछ भाग अरावली की पहाड़ियों से जुड़े हुए हैं। यहां रहने वाले अधिकतर लोग मेव या मुस्लिम है। मेवात में आईटीसी द्वारा संचालित गोल्फ कोर्स मशहूर है। इसके अलावा जयपुर हाईवे पर स्थित रिसोर्ट कांट्री क्लब भी पर्यटक स्थल बना हुआ है। वर्ष 1980 में हरियाणा सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के प्रति वचनबद्ध होकर मेवात विकास बोर्ड का गठन किया।

स्थिति : हरियाणा की दक्षिण दिशा में स्थित है।

मुख्यालय : नूंह
क्षेत्रफल : 1507 वर्ग किलोमीटर
स्थापना : 4 अप्रैल 2005
उपमंडल : फिरोजपुर, नूंह, पुनहाना
तहसीलें : फिरोजपुर, झिरका, नूंह, तावडू
उप तहसीलें : नागिना
खंड : फिरोजपुर, पिनगवा, पुनहाना, नगीना, तावडू, नूंह
जनसंख्या : 1089263 (2011 के अनुसार)
जनसंख्या घनत्व : 723 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
लिंगानुपात : 907 महिलाएं/प्रति हजार पुरुष
साक्षरता दर : 54.08%
पर्यटन स्थल : झूलती मीनार, गांधी पार्क, चुंही का तालाब, कोटला झील, चंदेली झील, छुईमुई तलाब, शेख मूसा की मजार।
 

महत्वपूर्ण स्थल :-

कोटला झील : इस झील के दृश्यों के बारे में मुगल बादशाह बाबर ने बाबरनामा में उल्लेख किया है।
 

शेख मूसा की मजार :-

मेवात की धरती पीर फकीरों तथा ऋषि-मुनियों की कर्म स्थली मानी जाती है। हजरत शेख मूसा का संबंध इरान से बताया जाता है। वे  दिल्ली के प्रसिद्ध सूफी हजरत निजामुद्दीन औलिया के मुरीद थे।हजरत शेख मूसा की दरगाह पल्ला गांव में पहाड़ी के तलहटी में है। इस दरगाह का निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने करवाया था।
 

मिनी डेयरी एम बीमा योजना :-

अभी करण की सलाह पर राष्ट्रीय दुग्ध विकास की ओर से मेवात क्षेत्र के विभिन्न गांव में 13 बड़ी क्षमता के दुग्ध शीत यंत्र लगाए गए हैं।
 

मेवात में लचीले खिलौने बनाने का प्रशिक्षण एवं उत्पादन केंद्र :-

ITMT (खिलौने बनाने का प्रतियोगी संस्थान), कोलकाता लेचीजें खिलौना बनाने के प्रशिक्षण के क्षेत्र में अनुभवी संगठन है।
 

चुही का तालाब :-

पहले यह तलाब कच्चा हुआ करता था। वर्षा काल में काला पहाड़ की छतरी से बहकर आने वाली विशाल जल राशि को देखते ही रहने की नूंह निवासियों की सदियों पुरानी परंपरा उस समय सजीव हो उठी थी जब सेठ चूहीमल ने पश्चिम में पहाड़ी के नीचे 10 बीघा जमीन के दाम चुका कर उसे तलाब के इस्तेमाल के लिए खरीद लिया था।उनके जीवन काल में ही उनके पुत्र हुकुमचंद ने अपने पिता की स्मृति को यादगार रखने के लिए इस तालाब को पक्का बनवा दिया था और वही निकट ही एक कलात्मक छतरी भी बनवाई थी।
 

गोल्फ कोर्स :-

गांव पाड़ा तावडू में स्थित कंठ क्लब बेस्ट वेस्टर्न द्वारा मनाया प्राप्त है । यहां पर देश विदेश के काफी पर्यटक आते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर का गोल्फ कोर्स (क्लासिक गोल्फ रिसॉर्ट) है।
 

तावडू :-

यह रेवाड़ी से ठीक पूर्व में स्थित है और बादशाह अकबर के समय में रेवाड़ी सरकार का एक महल होता था।18 वीं सदी में उत्तरी भाग में इस परगने का आमीन राव तेज सिंह थे। जो बहुत अच्छे प्रशासक वह सेनापति थे, सन 1785 के बाद जब रेवाड़ी जागीर में अफरा तफरी का माहौल था तो रानी माया कंवर के नियंत्रण पर वहां का कार्यभार राव तेज सिंह ने संभालाऔर अपनी योग्यता से इसे एक श्रेष्ठ जागीर में बदल दिया।
 

तावडू का किला :-

ताबू नामक ग्राम में स्थित इस प्राचीन किले के विभिन्न कक्षों, उप कक्षों तथा अन्य स्थानों से तावडू के इतिहास की जानकारी मिलती है। इस किले के चारों और ऊंची ऊंची दीवारें बनी हुई है। यही किला बाद में राजा नाहर सिंह का किला बना। इस समय तावडू स्थित इस किले को वहां का थाना बना दिया गया है।
 

तावडू का गुंबद :-

तावडू की पश्चिमी दिशा में जगह-जगह पर अनेक गुंबद बने हुए हैं। क्षेत्र के लोगों की दृढ़ मान्यता है कि यह गुंबद मुगलकालीन शासन में बने थे। अपने समय में इनका बड़ा महत्व था। इन गुंडों में पुख्ता कब्रें मौजूद हैं।
 

Note : –

  • सन् 2011 के अनुसार सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला, सबसे ज्यादा मुस्लिम हरियाणा में मेवात में है।
  • हरियाणा का सबसे कम पुरुष व महिला साक्षरता जिला, हरियाणा का सबसे पिछड़ा जिला। हसन खान मेवाती, इंडियन आइडियल विजेता सलमान अली मेवात से हैं। 
  • मेवात में रतवाई नृत्य प्रसिद्ध है।
  • देश का पहला चल न्यायालय भी मेवात में स्थित है।
  • हरियाणा में सबसे कम साक्षरता वाला जिला मेवात है।

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