Relationship between hardware and software

Hardware और software क्या होता है :-

सिस्टम अनेक इकाईयों का समूह होता है। जो एक या एक से अधिक लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु बनाया गया है। इसी प्रकार कंप्यूटर भी एक सिस्टम हैं, जिसको बनाने का मुख्य कारण विविध प्रकार के कार्यों को करना है यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दो इकाइयों से बना होता है।

हार्डवेयर (hardware) :-

कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले वे सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र जो उसको चलाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं जिन्हें हम अपनी आंखों से देख सकते हैं तथा हाथों से स्पर्श कर सकते हैं, हार्डवेयर कहलाते हैं। हार्डवेयर निम्नलिखित प्रकार के होते हैं।
जैसे – मॉनिटर, कीबोर्ड, हार्ड-डिस्क, मेमोरी चिप, माउस, सी.पी.यू. आदि।

सॉफ्टवेयर (software) :-

कंप्यूटर में प्रयोग होने वाले वे सभी एप्लीकेशंस या प्रोग्राम जिन्हें हम आंखों से देख तो सकते हैं परंतु छू नहीं सकते। वे सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। कंप्यूटर में सैकड़ों की संख्या में प्रोग्राम होते हैं, जो अलग-अलग कार्यों के लिए लिखे या बनाए जाते हैं। इन सभी प्रोग्राम के समूह को ही सॉफ्टवेयर कहां जाता है।
जैसे – एमएस ऑफिस, टैली, नोटपैड, एचटीएमएल आदि।

Relationship between hardware and software :

  • हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों आपस में एक दूसरे पर निर्भर हैं। Computer से useful output    produce करवाने के लिए उन दोनों को इकट्ठा काम करना चाहिए।
  • Supporting hardware के बिना सॉफ्टवेयर utilise नहीं किया जा सकता।
  • जिनके ऊपर operate किए जाए उन programs के set के बिना hardware utilise नहीं        किया जा सकता इसके बिना यह बेकार है।
  • कंप्यूटर पर कोई particular job करने के लिए relevant software hardware में load करना चाहिए।
  • Hardware one time expense हैं।
  • सॉफ्टवेयर development बड़ी expensive है और एक निरंतर खर्चा है।
  • Different jobs run करने के लिए hardware पर different सॉफ्टवेयर applications load की जा सकती है।
  • सॉफ्टवेयर user और hardware के बीच interface की तरह एक्ट करता है।
  • यदि hardware computer system का heart है, तो सॉफ्टवेयर इसकी आत्मा है। दोनों ही एक-दसरे के पूरक हैं।

Classification of software :- 

सॉफ्टवेयर programs का एक सेट है, जो एक well defined function program करने के लिए design किया होता है। Program कोई particular problem solve करने के लिए written instructions का एक sequence होता है।
सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं : –
  • System software
  • Application software

System software :- 

System software programs की collection होती है जो स्वयं कंप्यूटर की processing capabilities operate, control और extend करने के लिए डिज़ाइन किया होता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर आमतौर से कंप्यूटर मैन्यूफैक्चर द्वारा तैयार किए जाते हैं। इन सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स में लो-लेवल लैंग्वेज से written programs होते हैं जो बड़े बेसिक लेवल पर हार्डवेयर से इंटरेक्ट करते हैं। System software hardware और users के बीच इंटरफ़ेस का काम करता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के कुछ examples – operating system, compilers, interpreter, assemblers etc. हैं।

System software के features निम्नलिखित है : –

  • Close to system
  • High speed
  • समझने में मुश्किल
  • कम interactive
  • Small size
  • Menipulate करने में मुश्किल
  • सामान्यत: low-level language में लिखा जाता है।

Application software :-

Application software products particular environment की particular need satisfy करने के लिए design किया जाता है। Computer lab में prepare किए गए सभी software applications, application software की category के अधीन आ सकते हैं।
Application सॉफ्टवेयर में single program भी हो सकता है जैसे simple text को write और edit करने के लिए Microsoft notepad. इसमें programs की collection भी हो सकती है जिसे आमतर से सॉफ्टवेयर package कहा जाता है जो task accomplish करने के लिए इकट्ठे काम करते हैं जैसे Microsoft office.

Application software के examples :-

  • Payroll software
  • Students record software
  • Inventory management software
  • Income tax software
  • Railways reservation software
  • Microsoft office suite software
  • Microsoft word
  • Microsoft Excel
  • Microsoft PowerPoint

Application software के features निम्नलिखित हैं :-

  • User के नजदीक
  • Design करने में आसान
  • अधिक interactive
  • Low speed
  • सामान्यत: high-level language में लिखा जाता है।
  • समझने में आसान
  • Manipulate और इस्तेमाल करने में आसान
  • आकार में बड़ा large storage space की आवश्यकता।

May you like :-

Sharing Is Caring:

Leave a comment

error: Content is protected !!