रेवाड़ी जिले का परिचय (पीतल नगरी) – Rewari District

Introduction to Rewari

हरियाणा के दक्षिण भाग में स्थित है। इसके उत्तर भाग में झज्जर जिला, पूर्व भाग में गुड़गांव जिला, पश्चिम में महेंद्रगढ़ जिला तथा दक्षिण में राजस्थान राज्य का अलवर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना 1000 ई. में पृथ्वीराज के भतीजे राजा कदम पाल द्वारा की गई थी। औरंगजेब के समय नंदराम नामक एक अहीर ने (गढ़बोलनी गांव) पीतल नगरी में आहोर शासन की स्थापना की थी। रेवाड़ी के गवर्नर तेजपाल ने अहीरवाल क्षेत्र में गोरी की सेना से जमकर लड़ाई लड़ी थी।

इस नगर का नाम अग्रज बलराम के शवसुर रेवत नामक राजा ने अपनी पुत्री रेवती के नाम पर इस नगर का नाम “रेवत वाडी” रखा था। जो बाद में बिगड़ कर रेवाड़ी बन गया है। रेवाड़ी नगर कौशल प्रथम ऐतिहासिक पटल पर लाने का श्रेय फिर हेमू को जाता है। रेवाड़ी को “वीर नगरी” भी कहा जाता है। पीतल नगरी के रूप में जो ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हुई है। उसका श्रेय यहां के हस्तशिल्प कारीगरों को जाता है। रेवाड़ी की तिलेदार जूती पूरे हरियाणा में प्रसिद्ध है। रेवाड़ी रेलवे स्टेशन हरियाणा का सबसे बड़ा व पुराना रेलवे स्टेशन (1873) मैं बना था।
 
सन 18वीं सदी के अंतिम चरण में रेवाड़ी के रावों की छत्रछाया में चित्रकला राजस्थान की एक शाखा मानी जाती है। हरियाणा के रेवाड़ी में वृहद संग्रहालय भी स्थित है। नवयुवक सभा रेवाड़ी के संस्थापक बनारसीदास थे। सन 1909 में ब्रिटिश सरकार ने सर शादी लाल को राय बहादुर की उपाधि प्रदान की थी और सन् 1913 में पंजाब उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त होने वाले प्रथम भारतीय व्यक्ति थे। पूर्व मुख्यमंत्री राव वीरेंद्र सिंह राव तुला राम के वंशज हैं।

स्थिति : हरियाणा के दक्षिण भाग में स्थित (महेंद्रगढ़ से अलग होकर बना) है।

मुख्यालय : रेवाड़ी
क्षेत्रफल : 1594 वर्ग किलोमीटर
स्थापना : 1 नवंबर 1989
जनसंख्या : 900332
जनसंख्या घनत्व : 565 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
प्रमुख नदियां : साहिबी (पूर्वी भाग में बहती है)
रेलवे स्टेशन : रेवाड़ी (1873)
लिंगानुपात : 898 महिलाएं/हजार पुरुष
उपमंडल : रेवाड़ी, कोसली व बवाल
तहसील : रेवाड़ी, बावल, कोसली
उप तहसीलें : धारूहेड़ा, ढहीना, मनेठी, नाहड़, पलहावश
खंड : रेवाड़ी, खोल, जाटू साना, नाहड, बावल, डहीना
फसलें : गेहूं, जों, चना, दाले, तिलहन
पर्यटक स्थल : जंगल बबलर, सैंडपाइपर, घंटेश्वर मंदिर, हनुमान मंदिर, रेड मस्जिद, बागवाला और तेजसिंह तलाब

प्रमुख व्यक्ति :-

हेमचंद्र विक्रमादित्य, कल्लन खां (गुड़ियानी घर आने से), बालमुकुंद गुप्त (गुड़ियानी), रावतुला राम, राव बिरेंदर सिंह (हरियाणा विशाल पार्टी बनाई, हरियाणा के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री), संतोष यादव (दो बार माउंट एवरेस्ट पर्वतारोही), मोनिका सोनी (रेवाड़ी की लता मंगेशकर)।
 

राव  तुलाराम (स्वतंत्रता सेनानी) :-

इनका जन्म 9 दिसंबर 1825 को राव पूर्ण सिंह के घर में हुआ था। सन 1839 में पिता की मृत्यु के बाद ये पैतृक जागीर के स्वामी थे। सन 1857 की क्रांति का बिगुल बजाते ही बादशाह बहादुरशाह के नेतृत्व में अंग्रेजी राज्य के सचिन मिटाने में लग गए। और में स्वतंत्रता की पताका फहरा दी।
 

महत्वपूर्ण स्थल :-

इब्राहिम बारह हजारी की मस्जिद :-

इब्राहिम बारह हजारी मोहम्मद गौरी का एक जर्नल था। उसने यहां के चौहान सरदार को हटाकर यहां मुस्लिम अधिपत्य स्थापित किया था।
 

लाल मस्जिद :-

पुरानी कचहरी के समीप यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक मस्जिद है।इसका निर्माण अकबर के शासन काल में सन 1570 के आसपास किया गया था।
 

बागवाला तालाब :-

यह तलाब पुरानी तहसील के पास स्थित है इसका निर्माण राव गुर्जर के पुत्र अहीर ने करवाया था, लेकिन वर्तमान में अब यह सूख चुका है।
 

मुफ्ती निजामुद्दीन :-

कुतुबपुर के रहने वाले थे। सन 1857 की क्रांति के दौरान राव राजा तुलाराम की सेना की पलटन नंबर वन की एडज्यूटेंट थे। अंग्रेजी सेनाओं से लड़ते हुए नसीबपुर (नारनौल) के युद्ध में 16 नवंबर को वीरगति को प्राप्त हुए थे।
 

रानी की ड्योढ़ी :-

रानी की ड्योढ़ी भी हरियाणा की प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। इस ड्योढ़ी का निर्माण सन 1675 मे राव नंदराम सिंह ने करवाया था।
 

घंटेश्वर महादेव मंदिर :-

घंटेश्वर महादेव मंदिर का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में सनातन धर्म के सभी देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की हुई है।
 

रामपुर महल : यह भव्य महल राव तेज सिंह ने 1801 में बनवाया था।

 

कानोंट दरवाजा :-

यह भव्य दरवाजा नंद सागर और रानी की ड्योढ़ी का समकालीन है। इसे राव नंदराम ने बनवाया था। पत्थर, ईद और चुने से बना यह दरवाजा अहीर वालिया भवन निर्माण कला का श्रेष्ठ नमूना है।
 

धारूहेड़ा :-

 कुंड क्षेत्र के स्लेट पत्थर ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई हुई है। हरियाणा बनने के बाद यह कस्बा चर्चा में तब आया जब यहां सहगल पेपर मिल की स्थापना हुई। जिसमें बहुत सारा धन सरकारी ऋण था यह इकाई असफल हो गई और सरकारी रुपए डूब गया।
 
 

Note : –

  • हरियाणा का सबसे बड़ा व पुराना रेलवे स्टेशन रेवाड़ी में है।
  • देश की पहली C.N.G. ट्रेन रेवाड़ी से रोहतक वाया में चली थी।
  • लाल मस्जिद का निर्माण अकबर के शासनकाल में हुआ था।

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