क्या आपको पता है Output device क्या होते हैं। और computer में कितने प्रकार के आउटपुट डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है। यह Computer fundamentals की जानकारी है जिसके बारे में हम सभी को पता होना चाहिए कि input device क्या होते हैं और output device क्या होते हैं आज हम बात करेंगे आउटपुट डिवाइस क्या होते हैं। आउटपुट डिवाइस (Output Device) हार्डवेयर (Hardware) कंप्यूटर का वह भाग है जिसे हमारे दवारा छुआ जा सकता है, यह सूचना के किसी भी भाग तथा सूचना के किसी भी प्रकार जैसे ध्वनि (Sound), डाटा (Data), मेमोरी (Memory), आकृतियाँ (Layout) इत्यादि को प्रदर्शित कर सकता हैं आउटपुट डिवाइसो (Output Devices) में सामान्यतः मॉनिटर (Monitor) प्रिंटर(Printer) इयरफोन(Earphone) तथा प्रोजेक्टर(Projector) स्पीकर (speaker) सम्मिलित होते है।
मॉनिटर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं :-
सी.आर.टी. मॉनिटर (CRT – Cathode Ray Tube) :-
यह मॉनिटर उसी सिद्धांत पर कार्य करता है, जिस पर टीवी करता है। क्या करता है इसमें एक कैथोड रे ट्यूब लगा होता है। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक यंत्र लगा होता है। जिसके द्वारा प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक बीम को परिवर्तित कर चित्र बनाया जाता है। अर्थात सक्रिय पर डिस्प्ले प्राप्त होता है। सीआरटी स्क्रीन थोड़ी मुड़ी होती है। मॉनिटर पर चित्र छोटे-छोटे बिंदुओं से मिलकर बनता है। जिन्हें pixel कहां जाता है।
टी.एफ.टी. मॉनिटर (TFT Monitor) :-
यह एक सीधा (flat) स्क्रीन होता है। जो हल्का तथा पतला होता है। तथा कम जगह गिरता है यह सीआरटी मॉनिटर से अपेक्षाकृत थोड़ा अधिक महंगा होता है।
प्रिंटर (Printer) :-
प्रिंटर एक मुख्य आउटपुट डिवाइस है जिसके द्वारा सॉफ्ट कॉपी को प्रिंटेड कॉपी या हार्ड कॉपी कागज पर प्राप्त किया जा सकता है इसका उपयोग स्थाई दस्तावेज (Permanent document) तैयार करने के लिए होता है। यह वो device है जो computer से connect करना पड़ता है। जो user को paper पर item print करने के लिए allow करता है जैसे letters और pictures.
यह कंप्यूटर के use के बिना directly print करने के लिए digital cameras के साथ भी attach हो जाता है।
Types of Printers :-
Impact printers :-
impact printers वे printers है। जो text और images produce करते हैं। यह कागज, रिबन तथा करैक्टर तीनों पर एक साथ चोट कर डाटा प्रिंट करते हैं। इन printers का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां low cost printing की जरूरत होती है। Impact printers की 3 सबसे common forms है Dot matrix printer, Daisy wheel printer, line printer.
Dot Matrix Printer :-
यह एक करेक्टर प्रिंटर है। जिसमें एक प्रिंट हेड होता है जो आगे पीछे तथा ऊपर नीचे घूमता है।यह स्याही लगे रिबन पर चोट कर प्रिंट करता है। यह 80 कॉलम तथा 132 कॉलम दो तरह की क्षमता में आता है। इसमें प्रिंटिंग खर्च बाकी प्रिंटर्स की अपेक्षा कम आता है लेकिन प्रिंटर की गुणवत्ता और स्पीड दूसरे प्रिंटर के मुकाबले में कम होती है। इसमें एक बार में केवल एक रंग का प्रिंट लिया जा सकता है। इसलिए इसे “मोनो प्रिंटर” भी कहा जाता है। Dot matrix printers 9-pin या 24-pin heads के साथ print resolution और over all quality में vary करते हैं। Pins प्रति इंच जितनी अधिक होगी print resolution उतना ही high quality का होगा। बहुत से Dot matrix printers का अधिकाधिक resolution 240 dpi (dots per inch) के करीब होता है।
Daisy Wheel Printer :-
इस प्रिंटर में हेड की जगह Daisy wheel लगा होता है। जो प्लास्टिक या धातु का बना होता है। Wheel के बाहरी छोर पर अक्षर बने होते हैं। एक अक्षर को प्रिंट करने के लिए disc को घुमाना पड़ता है। जब तक पेपर तथा अक्षर सामने ना आ जाए। तब hammer wheel पर चोट करता है। तथा अक्षर रिबन को चोट कर कागज पर एक अक्षर प्रिंट करता हैं। इससे चित्र प्रिंट नहीं किए जा सकते हैं। यह शोर करने वाला तथा धीमी छपाई वाला प्रिंटर है। और जब तक printer wheel physically replace नहीं किए जाते ये fonts change
नहीं कर सकते।
Line Printer :-
लाइन प्रिंटर का ऐसा mechanism होता है जो उसी line पर characters print करना allow करता है। Mechanism large spinning print drum या looped print chain use कर सकता है। जब drum या chain के surface पर rotate की जाती है, पेपर के पीछे electro mechanical hammer’s paper को ड्रम या चेन के surface के ऊपर push करते हैं, और पेपर को ड्रम या चैन के character की शेप के साथ Mark कर देते हैं।
Print mechanism कि nature के कारण line printers Dot matrix या Daisy wheel printers
से बहुत अधिक faster printer होते हैं। वे बहुत loud भी होते हैं, इनकी multi font capability सीमित होती है और आमतौर से recent printing technologies से lower print quality produce करते हैं।
Non Impact Printers :-
यह ध्वनि मुक्त प्रिंटर होते हैं। क्योंकि इनमें प्रिंटिंग हेड कागज पर चोट नहीं करता है। और यह प्रिंटर कागज पर बिना चोट किए text और graphics print करते हैं। Non impact printers के मुख्य types – thermal printer, laser printer, inkjet printer होते हैं।
Thermal Printer :-
थर्मल प्रिंटर में मुख्यतः thermochromic कागज का इस्तेमाल किया जाता है। जब कागज थर्मल प्रिंटर के हेड से गुजरता है तो कागज के ऊपर स्थित लेप (coating) उस जगह काला हो जाता है।जहां यह गर्म होता है तथा प्रिंट प्राप्त होता है। यह डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की तुलना में तीव्र तथा ध्वनिरहित होता है।
इसमें प्रिंट की गुणवत्ता अच्छी होती है।
Thermal printers battery powered equipment मैं अधिकतर use होते हैं जैसे portable calculators, card swipe machines etc.
Laser Printer :-
लेजर प्रिंटर्स अपनी high volume output और low cost per page के लिए जाने जाते हैं। Laser printers आमतौर से work-group या departmental print center जैसे enterprises में deploy किए जाते हैं, जहां performance, durability और output priority होती हैं। इसमें लेजर बीम की सहायता से ड्रम पर आकृति बनती हैं। लेजर बीम ड्रम पर डालने के फलस्वरुप विद्युत चार्ज हो जाता है। तब ड्रम को टोनर में लुढ़काया जाता है, जिससे टोनर ड्रम के चार भागों पर लग जाता है। इसे ताप तथा दबाव के संयोजन से कागज पर स्थानांतरित कर दिया जाता है। जिससे प्रिंट प्राप्त होता है यह थर्मल तकनीक पर काम करता है। यह दो तरह के होते हैं – मोनो और रंगीन। इसकी गुणवत्ता और स्पीड दोनों बाकी प्रिंटर की तुलना में काफी बेहतर होती है।
Inkjet Printer :-
यह non-impact करेक्टर प्रिंटर है। inkjet printers quick drawing, water based inks और small nozzles की series के साथ प्रिंट हेड इस्तेमाल करते हैं जो ink को paper के surface के ऊपर spray कर देता है। Print-head assembly belt fed motor द्वारा चलाई जाती है जो print-head को papers के across move करती है।
इस प्रिंटर में स्याही के लिए (cartridge) लगा होता है। मूल रूप से इंकजेट प्रिंटर्स मोनोक्रोम्मी (black and white) मैं प्रिंट करने के लिए बनाए गए थे। पर उसके बाद प्रिंटहेड को expand कर दिया गया है। और cyan, magenta, yellow और black को accommodate करने के लिए nozzles बढ़ा दी गई हैं। कलर्स का यह कंबीनेशन image की प्रिंटिंग करीब photo development lab जैसे ही quality के साथ allow करता है।
Plotter :-
यह एक आउटपुट डिवाइस है, जिसका उपयोग ग्राफ प्राप्त करने के लिए होता है। मुख्यत: इसका उपयोग इंजीनियर, चिकित्सा, वस्तुविद, सिटी प्लानर, आदि करते हैं।
यह ग्राफ तथा रेखाचित्र जैसे आउटपुट प्रदान करता है।
Speakers :-
यह एक आउटपुट डिवाइस है जो अक्सर मनोरंजन के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह ध्वनि के रूप में आउटपुट प्रदान करता है। इसके लिए सीपीयू में साउंड कार्ड का होना आवश्यक है। इसका उपयोग प्राय: संगीत या किसी तरह की ध्वनि को सुनने में किया जाता है। कुछ computer displays में basic speaker built होते हैं। Laptops integrated speakers के साथ आते हैं।
Head Phones :-
Headphones small loudspeakers का pair होते हैं, या less commonly single speaker, जो user के कानों के पास लगाए जा सकते हैं और ये single के साथ connect हो सकते हैं इनको earphones, earbuds, headsets के नाम से भी जाना जाता है।
Screen Image Projector :-
यह एक हार्डवेयर डिवाइस है जो बड़े पर्दे पर चित्रों को दिखाता है। सामान्यत: तो इसका प्रयोग प्रस्तुतियों और बैठको (presentation and meetings) मैं किया जाता है, जो एक बड़ी छवि के रूप में दिखाया जाता है। जिसे बड़े हॉल में बैठकर एक साथ अनेक व्यक्ति देख सकता है।
INPUT DEVICE और OUTPUT DEVICE के अलावा कुछ डिवाइस ऐसे हैं जो इनपुट तथा आउटपुट डिवाइस दोनों का ही काम करते हैं।
Modem :- यह डाटा प्राप्त (receiver) तथा डाटा प्रेषित (sender) दोनों काम करता है।
Touch Screen :-
यह आउटपुट डिवाइस की तरह स्क्रीन पर इमेज या आउटपुट दिखाता है तथा इनपुट डिवाइस की तरह स्क्रीन पर ऑब्जेक्ट के साथ interact करने की अनुमति देता है।
Headsets :-
इनमें स्पीकर और माइक्रोफोन दोनों होते हैं स्पीकर आउटपुट डिवाइस और माइक्रोफोन इनपुट डिवाइस की तरह कार्य करता है।
Fax :-
इसमें डॉक्यूमेंट को स्कैन करने के लिए सिकंदर और डॉक्यूमेंट प्रिंट करने के लिए प्रिंटर दोनों ही होते हैं। इसके अलावा एकस्थान से दूसरे स्थान पर फैक्स भेजने के लिए टेलीफोन लाइन, मॉडेम तथा कंप्यूटर की आवश्यकता होती है।